मैने एक पुस्तक पढ़ी जिसका नाम था- नमो कुरुक्षेत्र जो कि पंतनगर विश्व विद्यालय के एक प्राध्यापक डॉक्टर शिवेंद्र कश्यप जी ने लिखी है। पुस्तक में महाभारत के वृतांतों के माध्यम से युवा पीढ़ी के मन में उठने वाले अनेक द्वंदों के लिए सरल उत्तर दिए गये हैं। कुछ पंक्तियाँ जिन्होंने मुझे प्रभावित किया इस प्रकार है- 1. बड़े त्याग के लिए वही आगे आते हैं जो सबसे प्रतिभावान, चमकते हुए, सर्व श्रेष्ठ होते हैं। जिनके पास कम होता है, वे घबराते है बाँटते हुए। 2. जैसे घी डाल डालकर अग्नि बुझाने की कल्पना करना मुर्खता है, वैसे भी इच्छाओं की पूर्ती कर-कर के खुश और संतुष्ट रहने की कोशिश करना मुर्खता है। 3. ज्यादा अर्जित करने या कुछ बड़ा कर के दिखाने के मुकाबले देश और समाज को ज्यादा लौटा पाने की प्रतिबद्धता और इच्छा मनुष्य को राष्ट्र निर्माता बनाती है। 4. जीवन में प्रतिभा का महत्व कम और उद्देश्य का महत्व ज्यादा है। 5. अच्छाई - सच्चाई के मार्ग पर अनेकों संघर्ष हैं पर सच्चे योद्धा तूफानों से विचलित नही होते। प्रतिरोध उनका सोपान है और पराजय उनकी प्रेरणा, प्रतिकूलता उनकी सहचरी है और स्पर...
शब्द मेरी भावनाओं के चोले में