Friday 26 November 2021

तुम इश्क़ हो

क्षणिक जीवन में
जीने योग्य क्षण
तुम ही हो
क्योंकि
तुम इश्क़ हो।

-शालिनी पाण्डेय

Wednesday 21 July 2021

आज शाम

मैंने आज शाम के रंगों को घुलते देखा
घुलते हुए रंगों को बदलते हुए देखा
उल्लास को अवसाद होते देखा
अपने ख्वाबों को मरते हुए देखा...

- शालिनी पाण्डेय 

Tuesday 20 July 2021

अब

छोटी- छोटी खुशियां
छोटे - छोटे तोहफे
छोटी - छोटी तकरार
छोटी - छोटी मुलाकातें
थोड़ा - थोड़ा इंतजार
थोड़े-थोड़े हम और तुम
अब नहीं रह गए हैं..

अब हमारे बीच
बची रह गयी हैं 
केवल बड़ी-बड़ी
आदर्शवादी बातें...

- शालिनी पाण्डेय

Sunday 18 July 2021

गुजरते रास्ते

एक गहरी खामोशी मौजूद रहती है
जंगल में दूर तक फैली
चीड़ की कतारों के बीच 

खामोशी जिसमें कई
बार डूबते- तैरते हुए सी
मैं पहुँच आती हूं
अपने भीतर फैली
प्रश्नों की खाई में

तब मुझे ननजर आ जाती है
अपनी सूक्ष्मता
भीतर का खोखलापन
और स्वार्थपरकता

चट्टानों और पत्थरों से घिरे
इन कतारों से गुजरते हुए
मैं महसूस करती हूं
सृष्टि की विशालता
इसकी सृजनात्मकता,
करुणा और प्रेम को

मैं रख देती हूं
इसके सामने निचोड़ कर
अपनी न्यूनता को
और सोख लेना चाहती हूं
इस सृजनात्मकता
और प्रेम का कुछ अंश
अपने भीतर।

- शालिनी पाण्डेय 

Saturday 10 July 2021

एकांत

समाजशास्त्र का आधारभूत सिद्धान्त कहता है - "मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है"। इसलिए प्रत्येक मनुष्य लोगों के एक समूह से हमेशा ही घिरा रहता है। वह साथ ढूंढता है, छोटे समय काल और जीवन भर के लिए । साथ की उपस्थिति वह सुरक्षित अनुभव करता है। 
किन्तु मुझे लगता है सामाजिक प्राणी होने के साथ-साथ मानव एकांत प्रिय प्राणी भी है। कई बार ऐसा होता है, लोगों के समूह से घिरे रहते हुए आपके व्यवहार या सोच में कुछ बाहर से चीजें आ जाती है, जो आपकी अपनी वास्तविक स्वाभाविक नहीं होती। एकांत ही वो समय है जब हम अपने भीतर से संवाद करते  है और खुद को बाहरी आवरण से पृथक कर पाते है।
साथ ही एकांत हमें मौका देता है अपने भावों को डूबकर महसूस करने का । चाहे वह भाव कोई भी हो- प्रेम, दुःख, ईर्ष्या, क्रोध, आदि। जब हम भाव को पूरी तन्मयता के साथ महसूस करते है तो हम उसके साथ साम्य स्थापित कर पाते है।  इसलिए जब कभी भी लगे कि वास्तविक आप कहीं खो रहे है या भावों से सामंजस्य नहीं बैठा पा रहे तो एकांत को चुनिए। एकांत में कई खूबियां है, एकांत के ताप में जलकर ही आप शांत चित्त पा सकेंगे। 

- शालिनी पाण्डेय 

Tuesday 6 July 2021

व्यक्ति की सफलता

जीवन के
किसी भी आयाम में
व्यक्ति को सफलता
नहीं मिलती
केवल उसके अकेले के प्रयासों से

वो मिलती है
उन सभी लोगों के 
प्रत्यक्ष या परोक्ष प्रयासों से भी
जिन्हें वो कई बार 
जीवन की दौड़ में भूल सा जाता है।

-शालिनी पाण्डेय 

काफिला

नहीं पता 
जिंदगी का काफिला 
कितनी दूरी तय करेगा, 
नहीं मालूम 
ये किस मुकाम पर रुकेगा...... 

ना जाने क्या-क्या 
मंजर आएंगे राहों में,
ना जाने कितने अतीत 
फिर लौट आएंगे जीवन में..... 

पर ये निश्चित है 
लोग बिछड़ते-जुड़ते जाएंगे
वैसे ही जैसे बिछड़ते है
हर मुलाक़ात के बाद
तुम और हम...

- शालिनी पाण्डेय 


Saturday 3 July 2021

तुम्हारे बारे में

तुम्हारे बारे में
जितना भी जिक्र करूँ
कम है...

तुम्हारी याद में
जितनी भी कविताएं लिखूं
कम है...

तुम्हारे साथ में
जितनी भी यात्राएं करूँ 
कम है...

तुम्हारे विछोह में
जितनी भी आहें भरूँ
कम है.....

-शालिनी पाण्डेय 

लंबी यात्रा

मैंने पूछा
कैसी चल रही तैयारी?
उसने कहा -
लंबी यात्रा है।
मैंने कहा- ये जीवन
एक यात्रा ही तो है,
तुम क्या
हम सभी इस यात्रा के यात्री है।

- शालिनी पाण्डेय

जब मैं लौट आयी हूं

अब जब मैं लौट आयी हूं पहाड़ पर,
तो
सारे नजारों को
मैं अपने भीतर समेट लेना चाहती हूं।

भीड़ से अलग
पहाड़ के जीवन में
एक अलग सुकून है,

बीते वक़्त की ग्लानि,
भविष्य की चिंताओं से परे,
हर लम्हें को बस जीते जाने का मन करता है।

यहां के
पेड़, पहाड़, रास्तों की तरह
हर अजनबी की आंख में भी 
थोड़ा अपनापन है

शाम की ठंडी बयार जैसे 
यहाँ जीवन धीमा सा संगीत लिए 
बह रहा है....
 
-शालिनी पाण्डेय

Monday 28 June 2021

वेदना

जैसे 
चेहरे के आवरण से
ढकी हुई है
मन की गहन वेदना
वैसे ही 
खूबसूरती हरे पहाड़ों की
छुपाये रहती है  
वेदना संघर्षमय जीवन की

वेदना 
जो अंधेरे में लौ जगाये हुए है
वेदना
जो साहस बंधाये हुए है
वेदना 
जो सहने की क्षमता दिये हुए है

और समेटे हुए है गहराईयों में इतना दर्द 
जो किसी से भी सांझा नहीं किया जा सकता....

- शालिनी पाण्डेय


Monday 21 June 2021

आलिंगन

दिन भर की बरसात के बाद
रात ने ओढ़ ली
एक गहरी खामोशी 

मानो
जैसे बहुत स्नेह से
प्रेमी ने उसे
आलिंगन कर लिया हो।

- शालिनी पाण्डेय

Friday 21 May 2021

संभावनाएं

सर्द शाम की वो मुलाक़ात
जब धुंध की गहरी परत
फैली हुई थी,
हम दोनों के बीच....

उसी रोज,
मैंने, जी जा सकने वाली
अनगिनत संभावनाओं
को समेट लिया था
हमारे प्यार के भीतर....

- शालिनी पाण्डेय

तेरा होना

मेरा आंगन अक़्सर भरा होता है
तेरे होने की कल्पनाओं से,

दूरियों की धूप तले छांव है 
अहसास तेरे होने का,

पंछी के सांझ की आस है
अहसास तेरे होने का,

हताश समय में हौसला है
अहसास तेरे होने का,

अहसास 'तेरे होने का' ही है 
अहसास मेरे होने का....

- शालिनी पाण्डेय

दर्द के लम्हें

अगर मुझे चुनाव करना हो खुशी और दर्द के बीच मिलने वाले तुम्हारे साथ का, तो मैं दर्द का चुनाव करूँगी। मेरे लिए दर्द के लम्हें ज्यादा कीमती है। क्योंकि मैंने अक्सर ऐसा महसूस किया है कि दर्द के दिनों में साथ बिताए खामोशी के लम्हें,  दो प्यार करने वालों को और करीब ले आते है। 
हाँ, और ऐसी बात नही है कि खुशियों के लम्हें उन्हें करीब नहीं लाते। खुशियों के लम्हें रिश्ते को भर देते है नई ऊर्जाओं से और नई संभावनाओं से। लेकिन साथ बिताए दर्द के लम्हों में जितनी गहराती है खामोशी, उतना ही गहराता जाता है प्रेम भी।

- शालिनी पाण्डेय

Monday 22 March 2021

पहाड़ के जीवन में

आत्मा को डुबो देने वाला
एक सौन्दर्य है
पहाड़ के जीवन में,

हवा के साथ बहता
भीना सा एक संगीत है
पहाड़ के जीवन में,

वर्षों का पुराना इतिहास,
पुरखों का आशीष है
पहाड़ के जीवन में, 

और बहुत सारा प्यार ,
अपनापन है
पहाड़ के जीवन में... 

-शालिनी पाण्डेय 

Saturday 13 March 2021

लंबे अरसे से

लंबे अरसे से
इन यात्राओं के माध्यम से
मैं चली आ रही हूं 
तुम्हारी ओर को...

यात्रा के हर पड़ाव पर 
पाती हूँ कुछ तुम्हें और 
बचे हुए को पाने की आस लिए 
बढ़ती जाती हूं...

-शालिनी पाण्डेय

Sunday 24 January 2021

प्रेम में डूबा इंसान

प्रेम में डूबा इंसान
जब खोदता है
अपने जिस्म की
तहों को,
और 
छांव तले बैठकर 
आलिंगन करता है
अपनी छाती में
पेड़ बन चुके 
प्रियतम को..
तो उस पल वो 
महसूस करता है
खुदा के तेज को,
अपने प्रियतम द्वारा।


-शालिनी 

हिमालय की अछूती खूबसूरती: पंचाचूली बेस कैंप ट्रैक

राहुल सांकृत्यायन मानते थे कि घुमक्कड़ी मानव-मन की मुक्ति का साधन होने के साथ-साथ अपने क्षितिज विस्तार का भी साधन है। उन्होंने कहा भी था कि-...