Wednesday 21 July 2021

आज शाम

मैंने आज शाम के रंगों को घुलते देखा
घुलते हुए रंगों को बदलते हुए देखा
उल्लास को अवसाद होते देखा
अपने ख्वाबों को मरते हुए देखा...

- शालिनी पाण्डेय 

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