Monday 30 September 2019

अक्टूबर की सुबह

हेलो, अक्टूबर की सुबह
मैं आज बिछड़ रही हूं
इन दीवारों से
जिन्होंने मुझे सहेजे रखा था
मार्च की अंधेरी रातों में

आज मैं बिछड़ रही हूं
उस एकांत की स्याही से
जिसके रंगों में सरोबार होकर
मैंने क़लम चलाना सीखा

आज मैं बिछड़ रही हूं
उस दरवाजे से
जिससे होकर पहली बार
तुम मेरे करीब आये और
अधरों से अधर मिलाये

आज मैं बिछड़ रही हूं
उस शिवालय से
जिसकी घंटियों ने
निराशा में मुझे
जीवन की सरगम सुनाई

आज मैं बिछड़ रही हूं
उस अनुभूती के इंजन से
जो पिछले तीन वर्षों से
मुझे ले जा रहा था
एकाकीपन की पटरियों पर।

- शालिनी पाण्डेय

पतन का भूकंप

बेकारी, लाचारी और अकर्मठता
कितने खतरनाक गुण है
अगर एक साथ किसी के
हिस्से आ जाये तो
पतन के भूकंप का केंद्र
जल्दी ही उसको गले लगाएगा।

- शालिनी पाण्डेय

बरसात की शाम

लो आ गयी, 
तुम्हारी याद को
चाय में घोलती,
बरसात की ये शाम....
जो गाते हुए
बौछारों का संगीत,
मेरी खिड़की के बाहर,
धीमे-धीमे गुजरती है...

और अंधेरे होने तक,
गड़ाए रखती है,
मेरी आंखों को,
उस राह की ओर...
जिसपे एक रोज
तुम मिलने आये थे....

~ शालिनी पाण्डेय

Saturday 28 September 2019

बारिश की बूंदें

नन्ही नन्ही
बारिश की बूदें,
आ बैठती है
फूलों की
कोमल पंखुड़ियों पर
और चमक उठती है
मेरी आंख में
मोतियों सी।।

-शालिनी पाण्डेय

Wednesday 18 September 2019

तुम जब मुझमें उतर आते हो

तुम जब मुझमें उतर आते हो,
आंखों को नम कर जाते हो...

खाली पड़े घर के कोनों पर,
अपने हँसी बिखेर जाते हो...

डायरी के कोरे पन्नों पर,
कहानी सी लिख जाते हो...

रुक सी गयी समय की सुइयों पर,
बेल जैसे फैल जाते हो...

कोरे बदन के कैनवास पर,
प्यार को उकेर जाते हो...

तुम जब मुझमें उतर आते हो,
रूह को संतृप्त कर जाते हो...

- शालिनी पाण्डेय

Tuesday 17 September 2019

जब रात का अंधेरा हटेगा

जब रात का अंधेरा हटेगा
तेरा चेहरा साफ दिखेगा

शिकन की सब रेखाएं
माथे पर इकठ्ठी हो आएगी
काले बालों के बीच फंसे
सफेद रेशम चमक उठेंगे

हथेलियों पर छपे
संघर्ष के निशान उभर आएंगे
सीने में दफ़्न दुःखों
के तालाब फूट निकलेंगे

होठों में कसी मुस्कुराहट
चेहरे पर उतर आएगी
पलकों से ढका स्नेह
आँखों में तैर जाएगा

जब रात का अंधेरा हटेगा
तेरा चेहरा साफ दिखेगा।

- शालिनी पाण्डेय

Thursday 12 September 2019

फ़कीरी

फ़कीरी का जीवन है
अनुभवों से भरा हुआ
और अमीरी का
अनुभवहीनता से भरा हुआ।

फ़कीरी का प्यार है
भक्ति से उपजा हुआ
और अमीरी का
लोभ से उपजा हुआ

फ़कीरी की दोस्ती
बनी है मासूमियत से
और अमीरी की
बनी है जरूरत से

इसीलिए
फ़कीरी का घर बना है
संतोष और करुणा से
और अमीरी का
असंतोष और निष्ठुरता से

- शालिनी पाण्डेय

Tuesday 10 September 2019

खाली रातों में

खाली रातों में
सन्नाटे के बीच
अंधेरे से घिरी
एक देह करवटे
बदल रही है

उसकी आंखों की
नींद गायब है
और दिल के दरवाजे पर
किसी दस्तक की इंतजारी है

- शालिनी पाण्डेय

इंतजारी

बहुत भारी हो गए
अब उठाये नहीं जाते
ना ही बहाये जा सकते है
आसूँ तेरी इंतजारी के।

- शालिनी पाण्डेय

Monday 9 September 2019

Dreams

In order to flourish
Some dreams come along
the wave of life and
some are left out to die.

-Shalini Pandey

छू जाओ

कई बार मैं
एकांत में बैठे
घंटों तक तुम्हें एक टक
देखती रहती हूं
इस आस में कि
साँसों के रास्ते
भीतर आ कर तुम
मेरी रूह को
बस एक दफा छू जाओ।

-शालिनी पाण्डेय

Saturday 7 September 2019

भावुक हो जाना

अगर हम सजीव है तो
भावुक हो जाना
एक स्वाभाविक घटना है
वैसे ही जैसे कि
उत्साहित हो जाना,
बशर्ते सभ्यता के ढोंग ने
हमें पूर्णतः अस्वभाविक
ना बना दिया हो।

- शालिनी पाण्डेय

Thursday 5 September 2019

गुरु

प्रेरणा का स्रोत है गुरु
आशा की लौ है गुरु
सृजनात्मकता का नींव है गुरु
विश्वास की उड़ान सिखाता है गुरु
हिम्मत का पाठ पढ़ाता है गुरु
अतः नमन का सदैव हकदार है गुरु

~ शालिनी पाण्डेय

Monday 2 September 2019

पानी के झरने

पानी के झरने
जब तुम ऊँचाई से गिरते हो
तो बूंदों का
एक धुआँ सा उड़ता है
जिसमें उभर कर आती है
ढेर सारी तस्वीरें

उनमें से एक तस्वीर है मृत्यु की
जो मुझे साफ नजर आती है,
तस्वीर की गहराई में
उतरते हुए
अहसास होता है कि
जीवन है एक छणिक लहर
मृत्यु ही है एकमात्र परम सत्य
जिसमें सभी लहरों को बह जाना है।

~ शालिनी पाण्डेय

हिमालय की अछूती खूबसूरती: पंचाचूली बेस कैंप ट्रैक

राहुल सांकृत्यायन मानते थे कि घुमक्कड़ी मानव-मन की मुक्ति का साधन होने के साथ-साथ अपने क्षितिज विस्तार का भी साधन है। उन्होंने कहा भी था कि-...