Monday 11 December 2017

तुम अब सिर्फ तुम नही रहे

तुम ख़्वाब हो,
और हकीकत भी ।
तुम ही खुशी हो,
और गम भी ।

मुस्कुराहट भी तुमसे है,
और आँसू भी ।
प्यार भी तुमसे है,
और शिकायतें भी।

बातें भी तुम्हारी है ,
और खामोशी भी।
यथार्थ भी तुम्हारा है,
और सपनें भी ।

तुम अब सिर्फ तुम नही रहे,
"मैं" बन गये हो।
जिससे मैं बिन फेरों,
बिन वादों ही जुड़ चली हूँ।

-- शालिनी पाण्डेय

Wednesday 6 December 2017

रिश्ते का द्वंद

तुम रहते हो पास मेरे
खुशी और गम में साथ मेरे,

कभी पलकों में छुप जाते हो,
कभी आंखों में उतर आते हो,

एक पल को साँसों में समाते हो,
मीठी सी मुस्कान बन आते हो,

कभी अन्तर्मन को छू जाते हो,
कभी नीर बन नैनों से बह जाते हो।

एकांत में भी तुम नजर आते हो,
भीड़ में कही बिछड़ से जाते हो,

तन्हाइयों में दबे पांव चले आते हो,
कुछ बेचैनियाँ सी छोड़ जाते हो।

किसी पल छेड़ते हो धड़कनों का साज,
अगले पल में फिर ले आते हो विषाद,

तुम हो स्मृति और विस्मृति दोनों ही में
बड़े अजब से ये द्वंद है इस रिश्ते में

- शालिनी पाण्डेय

हिमालय की अछूती खूबसूरती: पंचाचूली बेस कैंप ट्रैक

राहुल सांकृत्यायन मानते थे कि घुमक्कड़ी मानव-मन की मुक्ति का साधन होने के साथ-साथ अपने क्षितिज विस्तार का भी साधन है। उन्होंने कहा भी था कि-...