रिक्तता भीतर की
जो कि
भरना चाहती है
कविता, ग़ज़ल,
प्यार, दोस्ती,
यात्रा, किताब,
संगीत, कला,
युद्ध, विजय आदि
जैसे माने है
इसे भरने के
बावजूद इसके भी
नहीं भर पाती है
और हमारे ही
किसी कोनें में
रह जाती ये रिक्तता।
-- शालिनी पाण्डेय
रिक्तता भीतर की
जो कि
भरना चाहती है
कविता, ग़ज़ल,
प्यार, दोस्ती,
यात्रा, किताब,
संगीत, कला,
युद्ध, विजय आदि
जैसे माने है
इसे भरने के
बावजूद इसके भी
नहीं भर पाती है
और हमारे ही
किसी कोनें में
रह जाती ये रिक्तता।
-- शालिनी पाण्डेय
पहाड़ से
मैदान की ओर
लगातार बह रहा
लोगों का हुज़ूम
एक दिन बना देगा
पहाड़ के जीवन को
सिंधु घाटी की तरह
इतिहास का एक विषय
जो पढ़ाया जाएगा
बिना समझे ही
स्कूल में
हमारे द्वारा।
- शालिनी पाण्डेय
अब जब मैं
निकल आई हूं
तुमसे दूर
इतना दूर
कि सूरज की रोशनी भी
मुझे नहीं छू सकती
अब तुम क्यूं
मुझे वापस
ढूढंने निकले हो?
-- शालिनी पाण्डेय
कुछ करने की चाह में
कुछ बनने के प्रयास में
कुछ पा सकने की आस में
मैंने देखा है
कई बार अपने
घर को दूर
धुंध में ओझल होते हुए।
- शालिनी पाण्डेय
पहली बार
मैंने उसकी आँखों
को पढ़ा
उसकी आँखें
बया कर रही थी
वो सब
जो वो जुबान तक
ना ला पाया था
देखा मैंने
स्नेह के उमड़ रहे
सैलाब को
जिसमें वो तैरना
सीख चुका था
और
मैंने महसूस किया
उसके भीतर की
उष्णता को
जो उसे बाहर से
ठंडा बनाये हुए थी।
-- शालिनी पाण्डेय
राहुल सांकृत्यायन मानते थे कि घुमक्कड़ी मानव-मन की मुक्ति का साधन होने के साथ-साथ अपने क्षितिज विस्तार का भी साधन है। उन्होंने कहा भी था कि-...