रिक्तता भीतर की
जो कि
भरना चाहती है
कविता, ग़ज़ल,
प्यार, दोस्ती,
यात्रा, किताब,
संगीत, कला,
युद्ध, विजय आदि
जैसे माने है
इसे भरने के
बावजूद इसके भी
नहीं भर पाती है
और हमारे ही
किसी कोनें में
रह जाती ये रिक्तता।
-- शालिनी पाण्डेय
शब्द मेरी भावनाओं के चोले में
रिक्तता भीतर की
जो कि
भरना चाहती है
कविता, ग़ज़ल,
प्यार, दोस्ती,
यात्रा, किताब,
संगीत, कला,
युद्ध, विजय आदि
जैसे माने है
इसे भरने के
बावजूद इसके भी
नहीं भर पाती है
और हमारे ही
किसी कोनें में
रह जाती ये रिक्तता।
-- शालिनी पाण्डेय
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