Thursday 21 February 2019

उसकी आंखें

पहली बार
मैंने उसकी आँखों
को पढ़ा
उसकी आँखें
बया कर रही थी
वो सब
जो वो जुबान तक
ना ला पाया था

देखा मैंने
स्नेह के उमड़ रहे
सैलाब को
जिसमें वो तैरना
सीख चुका था

और
मैंने महसूस किया
उसके भीतर की
उष्णता को
जो उसे बाहर से
ठंडा बनाये हुए थी।

-- शालिनी पाण्डेय

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