जब
अहसास लोटते है,
शब्द झूलते है,
बूंदे बरसती है,
चित्र बिखरते है,
शब्द झूलते है,
बूंदे बरसती है,
चित्र बिखरते है,
तुम
शांत चित्त ,
करुणाशील आँखे,
गंभीर स्वभाव,
विशाल हृदय हो,
शांत चित्त ,
करुणाशील आँखे,
गंभीर स्वभाव,
विशाल हृदय हो,
आँखें मूँदते ही
चले आते हो।
चले आते हो।
- शालिनी पाण्डेय