Friday 31 August 2018

मोहब्बत

तन्हाई में भी तन्हा ना होने दे मोहब्बत,
रुसवाइयों में भी रुसवा ना होने दे मोहब्बत।

यादों की एक महफ़िल है मोहब्बत,
जब तू नहीं तो तेरा जिक्र है मोहब्बत।

-शालिनी पाण्डेय

Wednesday 29 August 2018

निःशब्द

जब मैं तुम्हें सोचते सोचते
हो जाती हूँ निःशब्द,
मुझे जाने क्यूं लगता है
बिन लफ़्ज़ों के भी
कह आयी हूं तुमसे
सारी दास्तां।

अब तुम ही बताओ
क्या तुमने सुनी!

-शालिनी पाण्डेय

Saturday 11 August 2018

जी चाहता है

आग से तपी वो सूरत
जिसे एक टक देखने रहने को जी चाहता है।
सर्द हवाओं से जकड़ रहा वो चेहरा
जिसे लौ से सुलगाने को जी चाहता है।

पतझड़ से सूख रहे वो होंठ,
जिन्हें चूमने को जी चाहता है।
बेनूर हो रहा वो शख्स,
जिसे मौसमों से रंगने को जी चाहता है।

मीलों तक पसरे फ़ासले,
जिन्हें दौड़ कर कम करने को जी चाहता है।
कहने को यूं तो कुछ नहीं,
पर तेरी एक खामोश मुलाकात को जी चाहता है।

-शालिनी पाण्डेय

हिमालय की अछूती खूबसूरती: पंचाचूली बेस कैंप ट्रैक

राहुल सांकृत्यायन मानते थे कि घुमक्कड़ी मानव-मन की मुक्ति का साधन होने के साथ-साथ अपने क्षितिज विस्तार का भी साधन है। उन्होंने कहा भी था कि-...