तन्हाई में भी तन्हा ना होने दे मोहब्बत,
रुसवाइयों में भी रुसवा ना होने दे मोहब्बत।
यादों की एक महफ़िल है मोहब्बत,
जब तू नहीं तो तेरा जिक्र है मोहब्बत।
-शालिनी पाण्डेय
राहुल सांकृत्यायन मानते थे कि घुमक्कड़ी मानव-मन की मुक्ति का साधन होने के साथ-साथ अपने क्षितिज विस्तार का भी साधन है। उन्होंने कहा भी था कि-...
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