आगमन, जीवन किरणों का..
प्रस्फुटन, नव पल्लवों का..
सृजन, नव कथाओं का..
उद्भव, श्वेत झरनों का..
विस्तार, अंतर संवादों का..
आदान-प्रदान,भावनाओं का..
महकना, रजनीगंधा का..
सब परिणाम है, तुम्हारे प्रेम में होने का..
- शालिनी पाण्डेय