जंगल को
दो हिस्सों में बांटती
ये सड़क
सीधी
मेरे पहाड़ को जाती है,
जहां अब भी बसती है
गाड़, गधेरों, बाघ, बण,
कौतिक, ब्या, त्यार
के बारे में सुनाई
मेरी आमा की कहानियां,
जो जीवन पर्यंत
उन्होंने बटोरी,
मेरे लिए
ताकि सैंंन में रहकर भी
मैं बनी रहूँ पहाड़ी,
और
उनके चले जाने के बाद भी
देख पाऊं उन्हें
पहाड़ के किसी
डाणे में
घास काटते हुए।
- शालिनी पाण्डेय
For those who don't understand pahadi
गाड़: Small seasonal river stream
गधेरा: an abrupt or steep fall
बण: Forest
कौतिक: Fair
ब्या: Marriage
त्यार: Festival
आमा: Grandmother
सैंन: Plain area
डाणा: Low mountain
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