अनकही बातें,
अधपके सपने,
अधखुले चेहरे,
अनदेखे पड़ाव,
सब सच से मालूम पड़ते है
जंगल के बनाए
इन रास्तों में चलते हुए।
- शालिनी पाण्डेय
राहुल सांकृत्यायन मानते थे कि घुमक्कड़ी मानव-मन की मुक्ति का साधन होने के साथ-साथ अपने क्षितिज विस्तार का भी साधन है। उन्होंने कहा भी था कि-...
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