बचपन
चाहे किसी का भी हो
अमीर का
या गरीब का,
वो ख़्वाब देखता है,
उसे
अनगिनत ख़्वाब
देखने दो,
क्योंकि बचपन
बनाता है
एक सुदृढ़ नींव
कल्पनों की,
बड़ा होने पर
जिसपर
खड़ी होती है
जिसपर
खड़ी होती है
इमारत यथार्त की।
- शालिनी पाण्डेय
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