हर दिन ये खेले
उल्लास भरे मेले,
मिट्टी का घर बना
जश्न मना लेते है,
कागज़ के पंख लगा
उड़ लेते है,
ये सुनते हुए कहानी
भूल जाते है परेशानी
और
खुद ही बन जाया करते है
खुद ही बन जाया करते है
राजा और रानी।
बाल दिवस की शुभकामनाएं ।
- शालिनी पाण्डेय
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