रोज़ बातें और मुलाकातें
इतनी भी जरूरी नहीं,
तेरे होने का अहसास ही
काफी है मेरे लिए....
इतनी भी जरूरी नहीं,
तेरे होने का अहसास ही
काफी है मेरे लिए....
ये ख़ामोशी और फ़ासले
इतने भी नही अखरते
अब कहीं भी रहे तू
हर पल करीब ही है मेरे लिए......
इतने भी नही अखरते
अब कहीं भी रहे तू
हर पल करीब ही है मेरे लिए......
-शालिनी पाण्डेय