Saturday 27 October 2018

अहसास

रोज़ बातें और मुलाकातें
इतनी भी जरूरी नहीं, 
तेरे होने का अहसास ही
काफी है मेरे लिए.... 

ये ख़ामोशी और फ़ासले
इतने भी नही अखरते
अब कहीं भी रहे तू
हर पल करीब ही है मेरे लिए...... 

-शालिनी पाण्डेय

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