Monday 30 December 2019

चले आते हो

जब
अहसास लोटते है,
शब्द झूलते है,
बूंदे बरसती है,
चित्र बिखरते है,

तुम
शांत चित्त ,
करुणाशील आँखे,
गंभीर स्वभाव,
विशाल हृदय हो,

आँखें मूँदते ही
चले आते हो।

- शालिनी पाण्डेय 

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