Monday 11 December 2017

तुम अब सिर्फ तुम नही रहे

तुम ख़्वाब हो,
और हकीकत भी ।
तुम ही खुशी हो,
और गम भी ।

मुस्कुराहट भी तुमसे है,
और आँसू भी ।
प्यार भी तुमसे है,
और शिकायतें भी।

बातें भी तुम्हारी है ,
और खामोशी भी।
यथार्थ भी तुम्हारा है,
और सपनें भी ।

तुम अब सिर्फ तुम नही रहे,
"मैं" बन गये हो।
जिससे मैं बिन फेरों,
बिन वादों ही जुड़ चली हूँ।

-- शालिनी पाण्डेय

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