पानी के झरने
जब तुम ऊँचाई से गिरते हो
तो बूंदों का
एक धुआँ सा उड़ता है
जिसमें उभर कर आती है
ढेर सारी तस्वीरें
उनमें से एक तस्वीर है मृत्यु की
जो मुझे साफ नजर आती है,
तस्वीर की गहराई में
उतरते हुए
अहसास होता है कि
जीवन है एक छणिक लहर
मृत्यु ही है एकमात्र परम सत्य
जिसमें सभी लहरों को बह जाना है।
~ शालिनी पाण्डेय
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