जब रात का अंधेरा हटेगा
तेरा चेहरा साफ दिखेगा
शिकन की सब रेखाएं
माथे पर इकठ्ठी हो आएगी
काले बालों के बीच फंसे
सफेद रेशम चमक उठेंगे
हथेलियों पर छपे
संघर्ष के निशान उभर आएंगे
सीने में दफ़्न दुःखों
के तालाब फूट निकलेंगे
होठों में कसी मुस्कुराहट
चेहरे पर उतर आएगी
पलकों से ढका स्नेह
आँखों में तैर जाएगा
जब रात का अंधेरा हटेगा
तेरा चेहरा साफ दिखेगा।
- शालिनी पाण्डेय
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