Monday 9 September 2019

छू जाओ

कई बार मैं
एकांत में बैठे
घंटों तक तुम्हें एक टक
देखती रहती हूं
इस आस में कि
साँसों के रास्ते
भीतर आ कर तुम
मेरी रूह को
बस एक दफा छू जाओ।

-शालिनी पाण्डेय

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