अगर हम सजीव है तो
भावुक हो जाना
एक स्वाभाविक घटना है
वैसे ही जैसे कि
उत्साहित हो जाना,
बशर्ते सभ्यता के ढोंग ने
हमें पूर्णतः अस्वभाविक
ना बना दिया हो।
- शालिनी पाण्डेय
राहुल सांकृत्यायन मानते थे कि घुमक्कड़ी मानव-मन की मुक्ति का साधन होने के साथ-साथ अपने क्षितिज विस्तार का भी साधन है। उन्होंने कहा भी था कि-...
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