Tuesday 6 July 2021

काफिला

नहीं पता 
जिंदगी का काफिला 
कितनी दूरी तय करेगा, 
नहीं मालूम 
ये किस मुकाम पर रुकेगा...... 

ना जाने क्या-क्या 
मंजर आएंगे राहों में,
ना जाने कितने अतीत 
फिर लौट आएंगे जीवन में..... 

पर ये निश्चित है 
लोग बिछड़ते-जुड़ते जाएंगे
वैसे ही जैसे बिछड़ते है
हर मुलाक़ात के बाद
तुम और हम...

- शालिनी पाण्डेय 


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