मैंने पूछा
कैसी चल रही तैयारी?
उसने कहा -लंबी यात्रा है।
मैंने कहा- ये जीवन
एक यात्रा ही तो है,
तुम क्या
हम सभी इस यात्रा के यात्री है।
- शालिनी पाण्डेय
राहुल सांकृत्यायन मानते थे कि घुमक्कड़ी मानव-मन की मुक्ति का साधन होने के साथ-साथ अपने क्षितिज विस्तार का भी साधन है। उन्होंने कहा भी था कि-...
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