अगर मुझे चुनाव करना हो खुशी और दर्द के बीच मिलने वाले तुम्हारे साथ का, तो मैं दर्द का चुनाव करूँगी। मेरे लिए दर्द के लम्हें ज्यादा कीमती है। क्योंकि मैंने अक्सर ऐसा महसूस किया है कि दर्द के दिनों में साथ बिताए खामोशी के लम्हें, दो प्यार करने वालों को और करीब ले आते है।
हाँ, और ऐसी बात नही है कि खुशियों के लम्हें उन्हें करीब नहीं लाते। खुशियों के लम्हें रिश्ते को भर देते है नई ऊर्जाओं से और नई संभावनाओं से। लेकिन साथ बिताए दर्द के लम्हों में जितनी गहराती है खामोशी, उतना ही गहराता जाता है प्रेम भी।
- शालिनी पाण्डेय
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