Monday 28 June 2021

वेदना

जैसे 
चेहरे के आवरण से
ढकी हुई है
मन की गहन वेदना
वैसे ही 
खूबसूरती हरे पहाड़ों की
छुपाये रहती है  
वेदना संघर्षमय जीवन की

वेदना 
जो अंधेरे में लौ जगाये हुए है
वेदना
जो साहस बंधाये हुए है
वेदना 
जो सहने की क्षमता दिये हुए है

और समेटे हुए है गहराईयों में इतना दर्द 
जो किसी से भी सांझा नहीं किया जा सकता....

- शालिनी पाण्डेय


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