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Showing posts from November, 2017

यूं ही रहने दे

तेरी खुशबू की छांव में, कुछ देर खोये रहने दे। पन्नों को पलटते हुए, अहसास को साज देने दे। निकलते मधुर संगीत को, अंतर्मन तक छू लेने दे। इन रंगों से उभरते चित्र से, तेरा एक रूप बुन ...