यादों की याद January 04, 2019 तुम्हारा आंचल जब मुझे बचा लेता था भयंकर अवसाद से तुम्हारी गोद जब मुझे सुस्ताने देती थी थका देने वाली भागदौड़ से तुम्हारा पसीना जब मुझे एहसास नहीं होने देता था जी को जला देन... Read more