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Showing posts from June, 2021

वेदना

जैसे  चेहरे के आवरण से ढकी हुई है मन की गहन वेदना वैसे ही  खूबसूरती हरे पहाड़ों की छुपाये रहती है   वेदना संघर्षमय जीवन की वेदना  जो अंधेरे में लौ जगाये हुए है वेदना जो साहस बंधाये हुए है वेदना  जो सहने की क्षमता दिये हुए है और समेटे हुए है गहराईयों में इतना दर्द  जो किसी से भी सांझा नहीं किया जा सकता.... - शालिनी पाण्डेय

आलिंगन

दिन भर की बरसात के बाद रात ने ओढ़ ली एक गहरी खामोशी  मानो जैसे बहुत स्नेह से प्रेमी ने उसे आलिंगन कर लिया हो। - शालिनी पाण्डेय