जैसे चेहरे के आवरण से ढकी हुई है मन की गहन वेदना वैसे ही खूबसूरती हरे पहाड़ों की छुपाये रहती है वेदना संघर्षमय जीवन की वेदना जो अंधेरे में लौ जगाये हुए है वेदना जो साहस बंधाये हुए है वेदना जो सहने की क्षमता दिये हुए है और समेटे हुए है गहराईयों में इतना दर्द जो किसी से भी सांझा नहीं किया जा सकता.... - शालिनी पाण्डेय
शब्द मेरी भावनाओं के चोले में