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Showing posts from December, 2013

Hopelessness

Silence loneliness with a dark night,, There is no sunshine in the bark,,,, Broken Dreams, Crushed Relations, Aimless journey, without Passion,.. Life with no Desire to move ahead, Always some Tension on Forehead, Gloomy, dried face without Patience, Died believes, Prowling Mind, stacked Thoughts, full of Negativity....... Happiness superseded by Sadness, Suffering with all such Madness, without knowing where I am Going? I don't know, I don't know..... - Shalini Pandey

बेटियाँ : ईश्वर का वरदान

ईश्वर का वरदान बेटियाँ , करती त्याग अपार बेटियाँ।  प्यार का पर्याय बेटियाँ , ममता का स्वरूप बेटियाँ।  सहती हैं ये सारे गम , फिर भी होने देती आँखे नम।  पर कैसे होंगे बेटियों पर हो रहे ये जुल्म कम ? कभी ममता की मूरत बन जाती बेटियाँ , कभी बूढ़े माता पिता का सहारा होती बेटियाँ , भाई बहन पर असीम प्यार लुटाती बेटियाँ ,  ईश्वर का वरदान बेटियाँ , करती स्नेह अपार बेटियाँ।  सभ्य समाज का निर्माण करती बेटियाँ, प्रेरणा का पर्याय बनती जा रही बेटियाँ, शिक्षा , विज्ञान व प्रौद्योगिकी  में आगे बढ़ रही बेटियाँ, ईश्वर का वरदान बेटियाँ , सफलता की ओर अग्रसर बेटियाँ।  किन्तु अनेकों अपमान भी सह रही ये बेटियाँ, कभी दहेज़ रुपी रावण की भेंट चढाई जाती बेटियाँ, कभी सड़क चलते दानव द्वारा डराई  जाती बेटियाँ, ईश्वर का वरदान बेटियाँ, सह रही अत्याचार बेटियाँ।  कभी कुलटा अभागन कह दुत्कारी जाती बेटियाँ, तो कभी बाल विवाह का शिकार होती बेटियाँ , तो कभी जन्म  से पहले ही मारी जाती बेटियाँ...

जीवन : एक सँघर्ष

वर्षों से सजाया था जो सपना , सींच सींच कर बनाया था जिसे अपना।  आज वो लगभग टूट सा गया , मेरे हाथों से लगभग छूट सा गया।  वो टूटता रहा , वो बिखरता रहा , मुझसे दूर होता रहा  उसे एक भय से मैंने छोड़ दिया।  एक रोज किसी मोड़ पर मुझे वह मिला, पास जाकर देखा तो जाना पहचाना लगा।  भागते हुए मैं बिखरे सपने के करीब गयी , उससे लिपटकर मई फूट कर रो पड़ी , मेरी सिसकिया सुन वो बोला, तू कभी हिम्मत मत हार , कर चुनौतियों को स्वीकार , जीवन एक सँघर्ष हैं।  रोने से कुछ नही होगा , अपने लक्ष्य को बड़ा बना , इरादों को मजबूत बना , जुट जा उसे सफल बनाने में, हालांकि रास्ते अभी धुंदले हैं , पर सूरज की किरणों से धुंध छट जायेंगी , राहें स्पस्ट होते नजर आयेंगी,  और तू अपनी मंजिल को पा जायेगी।  - शालिनी  पाण्डेय

Corruption

I stand here to see my nation, painted black with corruption, i ponder upon the reason, is it irresponsibility of citizen or culture.... who is the real culprit ?? Government? Politician?  Govt. employees? Businessman?  who???  what about myself ?? Am I not responsible for this, If I ponder upon, found I am the real perpetrator... Only I used to break lines, only I used to cross signals, only I who give money for my work only I who don't let any chance of spreading Corruption.. Better if each one of us start  blaming others firstly look at yourself than point out anyone... - Shalini Pandey