टूटी शाखों पर जब नई कोपलें निकल आती हैं निर्बाध बहते झरने से जब राही अपनी प्यास बुझाता है जंगल के बीच वृक्ष की छांव में जब थका हुआ चरवाहा सुस्ताता है नदी की छोटी धार पर जब को...
शब्द मेरी भावनाओं के चोले में
शब्द मेरी भावनाओं के चोले में