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Showing posts from March, 2018

तमन्ना

नशा ये इश्क़ का यूं चढ़ा बावरी सी फिरूं और चाहूँ महफ़िल का जाम बन तेरे लबों को छूना सर्द हवा बन बदन की खुशबू चुराना लहू की बूंद बन तेरे भीतर समाना तू ही दुआ है और तू ही आरजू सोचती ...

मैं शायर

तुम्हारी ख़ामोश निगाहें  क्या कोई इशारा है जिसे मैं समझ नही पाती - शालिनी पाण्डेय

मैं शायर

न कुछ साथ आया था, ना कुछ साथ जाएगा खुल कर जियेगा तो शायद कुछ निशा छोड़ जाएगा। -शालिनी पाण्डेय

मैं शायर

सुबह सुबह तेरी यादों की बरसात मुझे तर कर जाती है घंटों इसमें भीगने के बाद भी ये दिनभर  मुझपर टपकती रहती है।                  -शालिनी पाण्डेय

Together With You

I wanna........ laugh all my laughter cry all my sorrows celebrate all the feast and all the starve with you I wanna ......... hold your hand for forever rest on your shoulder sit next to each other listen to you non stop I wanna ........ lay side by side feel the warmth of yours pour all my love onto you attend you with all my consciousnesses I wanna ...... hold you in my heart forever sync my heartbeats with yours connect my soul with yours sing a song of love with you -Shalini Pandey

मेरे भीतर

अधरों को करीब लाकर प्यासा छोड़ गए हो, मन के आंगन में दस्तक दे तन्हा छोड़ गए हो, तुम अपना एक हिस्सा मेरे भीतर घोल गए हो, ये किस नारीत्व को मेरे भीतर खोल गए हो ?? - शालिनी पाण्डेय

मैं शायर

रुक गई ये निगाहें तेरे दर पे आके, आगे तेरी मर्जी साथ ले या लौटा दे। -शालिनी पाण्डेय

शायद

कुछ ख्वाहिशें आज़ाद हो रही है कुछ बंदिशे टूट सी रही है एक कोंपल खिल रही है वो ज़र्द पेड़ मुरझा सा रहा है मीठा सा दर्द हो रहा है कुछ घाव भर से रहे है वो खालीपन सिमट रहा है शायद प्यार...

मुलाकात

उस मुलाक़ात के बाद थोड़ी मैं तेरे पास ही रह गयी और मैं लौट आयी थोड़ा तुझको लिए। - शालिनी पाण्डेय

यादों का गुलदस्ता

जा रही हूं मैं यादों का गुलदस्ता लिए, लंबे इंतजार के बाद हुई मुलाकात लिए। तुझे छू कर निकले वक़्त का स्पर्श लिए, तेरे लबों पे आई दबी सी मुस्कान लिए, तेरे साथ खामोशी में बिताये ह...