नशा ये इश्क़ का यूं चढ़ा बावरी सी फिरूं और चाहूँ महफ़िल का जाम बन तेरे लबों को छूना सर्द हवा बन बदन की खुशबू चुराना लहू की बूंद बन तेरे भीतर समाना तू ही दुआ है और तू ही आरजू सोचती ...
शब्द मेरी भावनाओं के चोले में
शब्द मेरी भावनाओं के चोले में