Sunday 21 June 2020

साथ में जिये लम्हें

साथ में जिये लम्हें
भीतर के किसी कोने में
थोड़ी जगह घेरे रहते है
और
शुष्क मौसम से
ऊब चुकी साँसों को 
हवा देकर जिंदा रखते है....

- शालिनी पाण्डेय 

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