साथ में जिये लम्हें
भीतर के किसी कोने में
थोड़ी जगह घेरे रहते है
और
शुष्क मौसम से
ऊब चुकी साँसों को
हवा देकर जिंदा रखते है....
- शालिनी पाण्डेय
राहुल सांकृत्यायन मानते थे कि घुमक्कड़ी मानव-मन की मुक्ति का साधन होने के साथ-साथ अपने क्षितिज विस्तार का भी साधन है। उन्होंने कहा भी था कि-...
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