ये हर वक़्त क्या खोजता रहता है तू क्या ढूढ़ता है मेरे वजूद को ? या तराशता है मेरी शक़्ल को ? क्या खोजता है मेरे दर का रास्ता ? या मुझे पढ़ने की कोई किताब ढूढ़ता है ? या ढूढ़ता है हमारे उस आशियां की चाभी जो खो दी थी सर्कस देखते हुए कभी तो बता - ये हर वक़्त क्या खोजता रहता है तू? -शालिनी पाण्डेय
शब्द मेरी भावनाओं के चोले में