Skip to main content

Posts

Showing posts from April, 2017

वो चेहरा

वो चेहरा कितना जाना पहचाना सा ऊर्जावान और आशावादी धैर्यशील और उद्गामी कैसे जुटा रहता है दिन रात मेरी खुशियों के लिए हर दिन भागता दौड़ता मेरे आराम के लिए धूप में निरंतर तप र...

तलाश

ये तलाश ना जाने होगी कब पूरी तलाश भीड़ में अपनों को खोजने की तलाश खामोशी में शब्दों को बुनने की तलाश सन्नाटे में संगीत पनपने की तलाश हर चेहरे में खुशियां ढूढ़ने की अजीब सी तला...

प्यार

प्यार यूं तो है एक नन्हा सा अल्फ़ाज़, लेकिन है इसमें जीवन के सारे साज़, ना हैं ये किसी इंसान या वस्तु के लिए पागलपन का नाम, ना ही कुछ देने या लेने वाले किसी रिश्ते का नाम। ये तपती रू...

बुरा दौर

कौन है वो जीवन में जिसके बुरा वक्त ना आता? कौन है वो जिसे ये एक पल के लिए अपाहिज ना बनाता? रावण हो या राम हिटलर हो या ग़ालिब इसने किसको है बख्शा जीवन में सबके अलग तरह के बुरे दौर ह...

इम्तिहान

ना जाने अभी कितने और इम्तिहान बाकी है? आते ही वजूद बनाने का इम्तिहान, और फिर उसे साबित करने का, कभी ज्ञान अर्जित करने की कसौटी, तो कभी जीविका अर्जित करने की, कभी अंतर् और बाह्य ...

तपती रूह

आज फिर तेरी याद आई, दर्द के सैलाब से आंखें भर लाई। हर बदलती करवट के साथ तेरी थपकी याद आईं। हर एक छूटती सांस के साथ तन्हाई और गहराई। फिर याद आया मुझे ममता का वो आँचल। जी किया कि ...