कौन है वो
जीवन में जिसके बुरा वक्त ना आता?
कौन है वो
जिसे ये एक पल के लिए अपाहिज ना बनाता?
रावण हो या राम
हिटलर हो या ग़ालिब
इसने किसको है बख्शा
जीवन में सबके
अलग तरह के बुरे दौर है आते
तबीयत नासाज़ वाले
फैल इम्तेहान वाले
बेरंग पेशे वाले
टूटे रिश्तों वाले
इनके असर भी निराले है
कुछ का तन पर
कुछ का मन पर
कुछ का दिमाक पर
कुछ का रूह पर
पर देख सको तो
इस दौर में है एक ख़ूबी
ये आपको खुद के और करीब है ले जाते
आप तराश पाते है दफ्न हो चुके मैं को।
इसीलिए आज दौर बुरा है तो क्या
तू बस जश्न मना
नए सवेरे की रौशनी इसे अपने आगोश में भरकर
तुझसे दूर कर ही देगी।
-शालिनी पाण्डेय
अति उत्तम
ReplyDeleteBas tu jashn mana.. Enjoy each & every moment...
ReplyDeleteकलम बस यूहि चलती रहे आपकी ताकि हम भी कहीं अपने खोये हुए "मै" को पहचान सके .....
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