चालू थी
तब मजदूर जुटे हुए थे
हम सभी के घरों की
नींव और छतों को बनाने में
और अब
जब सब कुछ रुका हुआ है
वो चले जा रहे है मीलों दूर
उन घरों की ओर
जिनके भीतर इस बरसात भी
पानी घुस आएगा...
- शालिनी पाण्डेय
राहुल सांकृत्यायन मानते थे कि घुमक्कड़ी मानव-मन की मुक्ति का साधन होने के साथ-साथ अपने क्षितिज विस्तार का भी साधन है। उन्होंने कहा भी था कि-...
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