Wednesday 28 October 2020

तुम्हारी प्रेमिका

तुमने कभी नहीं बताया
कि तुम्हें मैं 
किन कपड़ों में 
ज्यादा अच्छी लगती हूँ

तुमने कभी नहीं कहा
कि मुझे कुछ करने से पहले
तुमसे इजाजत लेनी चाहिए

तुमने ना तो कभी 
कोई वादा किया
ना ही कसमें खाई
साथ में जीने-मरने की

तुमने बहुत नज़रे चुराई
ताकि मैं ना पढ़ सकूँ
तुम्हारी आँखों पर चमक 
उठने वाले प्रेम को

और ना ही 
तुमने कभी भी चाहा 
कि मैं महसूस करूं
तुम्हारे भीतर के दुःखों को

तुमने बहुत जतन किये 
कि मैं ना पहुँच पाऊं 
तुम्हें अंतर्मन तक

लेकिन देखो ना
तुम्हारे कुछ ना कहने 
और ना करने से भी
तुम्हारे लिए मेरे प्रेम में 
कोई फर्क नहीं पड़ा,

मैं थी कल भी तुम्हारी प्रेमिका 
हूँ आज भी और 
रहूंगी हमेशा ही।

- शालिनी पाण्डेय

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