Thursday 5 November 2020

नए प्रतिमान

प्रेम के नए प्रतिमान गढ़ने 
की मुझे कोई इच्छा नहीं,

मैं नहीं बनना चाहती
एक आदर्श प्रेमिका
और ना ही चाहती हूँ 
निष्कलंक जीवन,

मैं बस 
जी लेना चाहती हूं
दुःख और आनंद के उन लम्हों को 
जो हर मुलाक़ात के साथ
तुम छोड़ जाते हो..

-शालिनी पाण्डेय

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