तुम्हारी यादें
मेरे घर की
सभी चीजों को घेरे हुए है,
चाहे वो चाय की प्याली हो
या मेज पर पड़ी किताब
मेरे घर की बालकॉनी,
रोशनदान, छत, दीवार,
खिड़की, दरवाज़े
सब तुम्हारी यादों से पटे हुए है
काश! इन यादों जैसे
तुम भी होते मौजूद
इस घर के किसी हिस्से में...
- शालिनी पाण्डेय
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