Saturday 14 November 2020

तुम्हारी यादें

तुम्हारी यादें 
मेरे घर की 
सभी चीजों को घेरे हुए है,
चाहे वो चाय की प्याली हो
या मेज पर पड़ी किताब

मेरे घर की बालकॉनी, 
रोशनदान, छत, दीवार,
खिड़की, दरवाज़े
सब तुम्हारी यादों से पटे हुए है

काश! इन यादों जैसे
तुम भी होते मौजूद 
इस घर के किसी हिस्से में...

- शालिनी पाण्डेय

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