Sunday 8 November 2020

मिलना

जीवन की 
उबड़-खाबड़ राह के 
एक मोड़ पर 
किसी रोज तुम मिले 

मिलना यूँ तो एक 
क्रिया है 
पर तुम्हारा मिलना 
एक एहसास है 

वो एहसास जो 
बाधें रखता है 
प्राणों को शरीर से 

ठीक वैसे ही जैसे 
डोरें बाधें रहती हैं 
नाव को छोर से 
खाली वक़्त में 

- शालिनी पाण्डेय 

No comments:

Post a Comment

हिमालय की अछूती खूबसूरती: पंचाचूली बेस कैंप ट्रैक

राहुल सांकृत्यायन मानते थे कि घुमक्कड़ी मानव-मन की मुक्ति का साधन होने के साथ-साथ अपने क्षितिज विस्तार का भी साधन है। उन्होंने कहा भी था कि-...