Friday 13 November 2020

माँ

यूँ तो अब मुझे
आदत सी हो चली है
अकेलेपन और 
नीरस दिनचर्या की,

शहर की इस 
नीरस दिनचर्या में उलझे हुए
वक़्त आसानी से गुज़र जाता है

लेकिन, 
जब कभी हो 
कोई खास दिन 
जैसे कोई त्योहार या जन्मदिन
तब, तुम मुझे 
बहुत याद आती हो माँ।

- शालिनी पाण्डेय 

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