छुट्टी का दिन भी बेहतरीन होता है
तू फुर्सत में बेहद करीब होता है
तेरी बातें, मुलाकातें
बहुत याद आती है
प्यार भरी इन यादों से
तन्हाई और गहराती है
यूं ही बैठे बैठे
ख्यालों की दुनिया बन जाती है
जहाँ लंबा इंतजार खत्म होकर
हमें एक कर जाता है
यहाँ तू ही मैं है और मैं ही तू
फसलों की दीवार गिर सी जाती है
और जिंदगी अब हम पर
प्यार ही प्यार बरसाती है
-शालिनी पाण्डेय
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