Sunday 22 March 2020

आपदा

आपदा का सन्नाटा 
गुज़रने के बाद
कुछ लोग
अपनी जान
गवां चुके होते है,
कुछ अपने करीबियों
को खो चुके होते है,
और 
कुछ शेष रह जाते है
अगली आपदा के
साक्षी बनने के लिए...

- शालिनी पाण्डेय 


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