जब तुम थक जाओगे
लुक्का छिप्पी खेलते हुए
या फिर पा लोगे उसे
खोजते खोजते
शायद तब तुम अहसास हो
मैंने तुम्हें पहले ही
खोज लिया था
बस तुम ही नहीं समझे।
-शालिनी पाण्डेय
राहुल सांकृत्यायन मानते थे कि घुमक्कड़ी मानव-मन की मुक्ति का साधन होने के साथ-साथ अपने क्षितिज विस्तार का भी साधन है। उन्होंने कहा भी था कि-...
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