मैं तुझे जोड़ देती हूं
हर उस कविता से
हर उस कहानी से
हर उस गीत से
जिनमें आस है
मिलन की
मैं तुझे जोड़ देती हूं
हर उस शेर से
हर उस ग़ज़ल से
हर उस दृश्य से
जिसमें टीस है
बिछड़न की
मैं तुझे जोड़ देती हूं
हर उस अल्फ़ाज़ से
हर उस ख़्याल से
हर उस खामोशी से
जिसमें कसमकस है
तुझे समझने की।
-शालिनी पाण्डेय
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