राह चलते
वो मुझसे टकराई
थोड़ा पास आयी
और मुस्काई
मेरी रूह
बेनूर हो गई
नजदीकियां जब
यूँ टकराई
-शालिनी पाण्डेय
राहुल सांकृत्यायन मानते थे कि घुमक्कड़ी मानव-मन की मुक्ति का साधन होने के साथ-साथ अपने क्षितिज विस्तार का भी साधन है। उन्होंने कहा भी था कि-...
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