Wednesday 10 April 2019

तुम्हारे साथ

तुम्हारे साथ गुज़ारे गए
खामोशी के चंद लम्हें
ना जाने क्यूं

दुनिया जहान की आवाज
में बिताये सैकड़ों लम्हों से

कई गुना खूबसूरत और
समझ देने वाले है।

- शालिनी पाण्डेय

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